वज़ीर गंज की अंजुमन शामे गरीबां ने यतीम बच्चों की तालीम के लिए अनोखी पहल शुरू की है। आज अंजुमन की शाबेदारी की क़ुरा अंदाज़ी में इसकी शुरूआत की गयी।
जिसके तहत 13 यतीम बच्चों को नगद रक़म दी गयी ताकि उनको तालीम में कोई रुकावट न हो। इस मौके पर रज़ा हैदर को ख़ादिमें मिल्लत अवार्ड से नवाज़ा गया |
आज शामे गरीबां की शब्बेदारी में शिरकत करने वाली अंजुमनों से अपील की गयी थी कि वह किसी ऐसे यतीम बच्चे के नाम का प्रस्ताव रखे जिसको तालीम के लिए मदद की ज़रूरत हो।
हर अंजुमन से एक नाम मांगा गया था आज क़ुरा अंदाज़ी के वक़्त बच्चों को नक़द रक़म दी गयी। अंजुमन के ज़िम्मेदार शानू ने बताया की अंजुमन इन बच्चों की तालीमी सरगर्मियों पर नज़र रखेगी और हर साल नतीजों के एवज़ में आगे की तालीम में मदद करेगी। उन्होने बताया कि अंजुमनों ने इस पहल की तारीफ की और आगे भी जारी रखने को कहा है।
ज्ञात रहे की अंजुमनों की शब्बेदारी में अंजुमनों को कुछ तबर्रुकात से नवाज़ा जाता है लेकिन इसमें सदर सेक्रेट्री और साहबे बयाज़ को ही मिलता है। लेकिन इस पहल से अंजुमन की सिफारिश से माली मदद पाने पर देने वाले और सिफारिश करने वाली अंजुमन के सभी मेंबरों को सवाबे जारिया मिलेगा।
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