सामूहिक रुप से हो रही है कलाम-ए-पाक की तेलावत रोजा इफ्तार का सिलसिला पूरे शहर में जोरशोर से चल रहा हैजौनपुर रमजान का पवित्र महीना इंसानों को आत्मचिन्तन एवं मूल्यांकन का अवसर प्रदान करता है। इस पवित्र महीने में एक सच्चा मुस्लमान रोजा रखकर अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण प्राप्त कर के आध्यात्मिक तौर पर मजबूत होता है। उसे अपने नेक अमाल की बुनियाद पर अल्लाह से करीब होने का रास्ता मिल जाता है। उक्त बाते मौलाना उरुजहैदर खां अध्यापक जामिया नासिरीया इमानिया जौनपुर ने शिया जामा मस्जिद नवाब बाग कसेरी बाजार जौनपुर में शेख नूरुलहसन मेमोरियल सोसाइटी जौनपुर द्वारा आयोजित रोजा इफ्तार के अवसर पर कहीं शिया जामा मस्जिद के मुत्तवल्ली/प्र्रबंधक अली मंज़र डेज़ी ने बताया की पूरे रमज़ान भर मस्जिद में मोमनिनो के ताउन से तकरिबन 250 लोगों को रोज रोजाइफ्तारी कराई जाती है। व कौम मुल्क व देश की खुशहाली के लिए दुआ की जाती है। ज़ोहर की नमाज़ इमाम-ए-जुमा जौनपुर मौलाना महफुजुल हसन खां ठीक 12.30 बजे दिन में अदा कराते है। इसी क्रम में पूरे रमजा़न भर रोडवेज स्थित हज़रत लुक्का शाह बाबा मस्जिद में जोह़र की नामाज़ के पहले सामूहिक रुप से कालाम-ए-पाक की तेलावत शिया एवं सुन्नी रोजे़दार एक साथ करते है। हज़रत लुक्का शाह बाबा की माजार पर प्रत्येक जुमेरात को अकीदत मंदो का मजमा लगा रहता है। रोजा इफ्तार का सिलसिला पूरे शहर में जोरशोर से चल रहा है। जिसमें हर मजहबो मिल्लत के लोग शिरकत कर रहे है।
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